यह जानकारी उनके लिए है जो हमेशा खाली समय मिलने पर अपनी उँगलियाँ चटकाते रहते है | लेकिन जब हम अपनी उँगलियाँ चटकाते है तब आवाज क्यों होती है ?
उंगलियाँ ना चटकाने के पीछे कुछ अपनी आस्था के आधार पर कारण बताते है | तो कुछ वैज्ञानिक कारण बताते है |
जब भी हम घर पर या बुजर्ग लोगों के सामने उँगलियाँ चटकाने से उनका मतलब अनहोनी से होता है | और ऐसा भी बताते है की लम्बे समय तक ऐसा करने से हड्डियाँ कमजोर हो जाती है |
सबके अलग – अलग बिचार है | देखते है, ऐसा लम्बे समय तक करने से आपके हड्डियों पर क्या असर पड़ता है ?
हम अपने हाथो की उँगलियाँ तब चटकाते है, जब लम्बे समय तक keyboard पर काम करने, लिखने का कार्य करने, आदि | इस तरह के कार्य करने के बीच-बीच में उँगलियाँ चटकाते है |
हम सब जानते है हमारा शरीर एक मशीन की तरह कार्य करता है और हड्डियों के जोड़ो के बीच में एक सीनों वाईल नाम का तरल होता है |
सीनों वाईल नाम का यह तरल हड्डियों के जोड़ो में ग्रीस की तरह कार्य करता है जिससे हड्डियों के जोड़ आसानी से कार्य कर सके |
जब उँगलियों या शरीर के किसी भी भाग के जोड़ो के बीच सीनों वाईल तरल में कार्बन डाई ऑक्साइड गैस के बुबले बन जाते है | जिससे उँगलियों में से आवाज आती है |
सीनों वाईल का यह तरल हड्डियों में होने वाले घर्षण से बचाता है | इस सीनों वाईल का तरल जोड़ो में कम या ख़त्म होने से गठियाँ नाम की बीमारी हो जाती है |
लोगों के मन में एक सवाल रहता है की एक बार उँगलियाँ चटकाने के बाद फिर क्यों नहीं चटकती या आवाज आती ?
इसका कारण यह की एक बार उँगलियाँ चटकाने के बाद इस सीनों वाईल तरल में कार्बन डाई ऑक्साइड गैस के बुबले बनने में 20-30 मिनट का समय लगता है |
एक रिसर्च में यह भी पता चला है की हड्डियाँ एक दूसरे से लिगामेंट से जुडी होती है और बार – बार उँगलियाँ चटकाने से सीनों वाईल liquid कम होने लगता है | जिससे गठियाँ की बीमारी का ज्यादा खतरा बना रहता है |
कैलिफ़ोर्निया की रिपोर्ट के मुताबिक यह साबित नहीं हुआ है की उँगलियाँ चटकाने से बीमारी हो सकती है लेकिन यह जरुर कहा है ऐसा बार- बारकरने से हड्डियों में दिक्कत हो सकती है |
यह हड्डियों की बीमारी आपको 55 साल के बाद सामने आती है क्योंकी तब तक आपके हड्डियों के जॉइंट में मौजोद फ्लूइड कम होने लगता है |